Mulaqat Shayari in Hindi
Mulaqat Shayari in Hindi
Mulaqat Shayari in Hindi
Jab Bhi Tanhai Mein Unke Bagair Jeene Ki Baat Aayi, Unse Hui Har Ek Mulaqat Meri Yaadon Mein Daud Aayi.
Wo mulakat kuch adhuri si lagi. Paas hokar bhi duri si lagi. Hothon pe hasi ankhon me nami, Pehli bar kisi ki dosti itni zaruri si lagi.
Pehli Mulaqat me kuch aisa hua ehsaas ki hum byaan bhi na kar paaye aakhri mulaqat me kuch to kehna hi tha unse yehi sochte hue unhe tanha chhod aaye
Chorh diya hamara sath to koi gam nahi. hul jayenge aap hume, bhulne wale hum nahi… Aapse mulakat na ho pai to koi baat nahi, aapki ek yaad mulakat se kum nahi.
Main Ne Mana Ke Mujhe Unse Mohabbat Na Rah HumNashin Phir Bhi Mulaqat Se Jee Darta Hai..?
जो उनसे हमारी पहली पहली मुलाकात हो गयी .. इस दिल की अपनी मुस्कान से जो बात हो गयी .. बरसो से जिंदगी को तलाश थी जिस मुकाम की .. उनसे मिलके हमारी हमसे ही पहचान हो गयी …..
मेरी नजरो को आज भी तलाश हे तेरी बिन तेरे ख़ुशी भी उदास हे मेरी खुदा से मांगा हे तो सिर्फ इतना मरने से पहले आपसे मुलाक़ात हो मेरी
सुबह को जो नींद से जागे तब रात का ख्याब याद आया गया।। क्या खूब रही थी सपनो में मुलाक़ात आपसे
खुशिया किसी की मोहताज नहीं होती, दोस्ती यूँही इत्तेफ़ाक़ से नहीं होती कुछ तो मायने होंगे इस पल के, वरना यूँही आपसे मुलाक़ात नहीं होती
काश आपकी सूरत इतनी प्यारी ना होती; काश आपसे मुलाक़ात हमारी ना होती; सपनो में ही देख लेते हम आपको; तो आज मिलने की इतनी बेकरारी ना होती!
मिलने आयेंगे आपसे ख़्वाबों में जरा रोशनी के दिए बुझा दीजिये अब और नहीं होता इंतज़ार आपसे मुलाक़ात का अपनी आँखों के पलके गिरा दीजिये
अगर हमारी आपसे मुलाक़ात होगई होती आपकी आपके दिलसे अदावत होगई होती
इस उम्मीद में करते हैं इंतज़ार हम रात का; कि शायद सपनों में कभी आपसे मुलाक़ात हो जाये।
इतना इंतज़ार अपनी धड़कनों का नहीं जितनाआप के आने का करते हैं इतना इंतज़ार अपनी साँसों का नहीं जितना आपसे मुलाक़ात का करते हैं
जाते जाते कहीं भी मुलाक़ात हो जाये आपसे.. तलाश ये नज़र आपको बार बार करती है….!!!!
मोहब्बत ना सही मुकदमा ही कर दो मुझ पर, कम से कम तारीख दर तारीख मुलाक़ात तो हो आपसे।
माना की आपसे रोज मुलाक़ात नही होती आमने-सामने कभी बात नही होती मगर हर सुबह आपको दिलसे याद कर लेते है उसके बिना हमारे दिन की शुरुआत नहीं होती
मेरी हर गजलो में तेरी बात आज भी है, आपसे खयालों में मुलाक़ात आज भी है , तुझे भुला देना मेरे बस में नहीं शायद, यु तो हसीनों से मुलाक़ात आज भी है,
कभी आपसे जो मुलाक़ात होगी यहीं सोचती हूँ की क्या बात होगी भले दूर होंगे वोह मेरी नज़र से मगर याद उनकी मिरे साथ होगी
कुछ नशा तो आपकी बात का है, कुछ नशा तो धीमी बरसात का है, हमे आप यूही शराबी ना कहिए, यह दिल पर असर तो आपसे मुलाक़ात का है
आप जैसे लोग कुछ खास लगते हैं; दिल में हर वक़्त एक आस रखते हैं; जाने कब हो जाये मुलाक़ात आपसे; इसलिए 1 (Disprin) हम हमेशा अपने पास रखते हैं।
खूब जमेगी जब होगी आपसे मुलाक़ात, कुछ खर्च होंगी बाते कुछ लुटेंगे जज्बात……!!!
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